धार्मिक असहिष्णुता या आस्था का सवाल? नसीम सोलंकी के मंदिर जाने पर विवाद

मंदिर क्यों गयी, कलमा पढ़कर मांगो माफी” मंदिर जाने पर SP प्रत्याशी नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी। नसीम सोलंकी का मंदिर जाना इस्लामी मान्यताओं के खिलाफ। एक मुसलमान कभी भी हिन्दू त्योहारों में शामिल नहीं हो सकता। यूपी की सीसामऊ सीट पर उपचुनाव के लिए सपा प्रत्याशी हैं नसीम सोलंकी। नसीम सोलंकी प्रचार अभियान के दौरान शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। दिवाली की रात वह वनखंडेश्वर मंदिर पहुंचीं, यहां उन्होंने भगवान शिव की पूजा की, दीये जलाए। इतना करने पर ही कट्टरपंथी मौलाना भड़क गए और फतवा जारी कर दिया।

कानपुर के वनखंडेश्वर मंदिर में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने पूजा किया, दीपक जलाया। अब फतवा जारी। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष “मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी” ने नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। मौलाना मुफ्ती ने कहा : नसीम सोलंकी ने जो किया, उसकी शरीयत इजाजत नहीं देता है। उन्हें माफी के लिए तौबा करके कलमा पढ़ना होगा। इस्लाम में मूर्ति पूजा करना हराम है। सीसामऊ सीट से बीजेपी से सुरेश अवस्थी उप चुनाव के मैदान में हैं।

Why did you go to the temple, recite Kalma, and ask for forgiveness” Fatwa issued against SP candidate Naseem Solanki for visiting the temple. Naseem Solanki’s visit to the temple is against Islamic beliefs. A Muslim can never participate in Hindu festivals. Naseem Solanki is the SP candidate for the by-election on the Sisamau seat of UP. Naseem Solanki performed Jalabhishek on Shivling during the election campaign. On the night of Diwali, she reached Vankhandeshwar Temple, where she worshiped Lord Shiva and lit lamps. After doing this the fundamentalist Maulana got angry and issued a fatwa.

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